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बेटी

कभी-कभी मेरा मन भी विचलित हो जाता, प्रश्नों का भंडार खड़ा हो जाता , क्यों होती बेटी की विदाई , क्यों सहनी पड़ती उसको अपनों से जुदाई , क्यों हर बार चोट उसको ही लगाई ? अपनी खुशियों को छोड़ , क्यों उसे दूसरों की खुशियां थमाई , बजा के तूने शहनाई , बड़े दुख से कर दी उसकी विदाई , वह पूछती रह गई , पर किसी के मुंह से आवाज ना आई । ऐसे अजीब रिवाजों को देख बेटी सेहमाई , पर सब की मर्जी और रिवाजों के आगे , वह भी कुछ ना कर पाई , भरी आंखों से नर्म होठों से , उसके भी मन मै एक आवाज आई , बेटी कह के भी कर दी पराई । जननी और उसकी जान की होती यह कैसी जुदाई , जिसको देख कर हर किसी की आंख भर आई , सीने से लगाकर बड़े प्यार से रोते हुए , क्यों कर दी सब ने अपनी बेटी की विदाई , यह सब देख बेटी को बहुत रोना आया , पर उसके प्रश्नों का उत्तर आज तक कोई नहीं दे पाया । पर फिर भी बेटी ने अपना सारा फर्ज निभाया , एक ही नहीं बल्कि दो परिवारों को सजाया , सब में प्रेम जगाया हर रिश्ते  को बखूबी निभाया , सहा खुद दुख पर किसी को भी इसका एहसास ना दिलाया। बेटी ने दो दो घरो को सजाया । बेटियों का सम्मान कर

गुरु

 गुरु गंगा की धार हैं गुरु गीता का सार हैं ,गुरु से उज्ज्वल ये संसार हैं गुरु से ही जीवन का उद्धार हैं। भटके हुए का मार्ग हैं गुरु ,तेरी मंजिल के पथ का सच्चा साथी हैं गुरु,अगर दीया तू तो  बाती हैं गुरु ,अंधेरों में भी रोशनी जला दे ऐसे साथी हैं गुरु । तू अगर पंछी हैं तो तेरी उड़ान की पहचान हैं तेरे गुरु ,तु फुल हैं तो तेरी सुगंध की पहचान है तेरे गुरु, तु हैं अगर स्वाभिमानी तो तेरा अभिमान हैं गुरु, तेरी उन्नति की पहचान है गुरु ,असल मैं इस धरती का भगवान हैं गुरू। कभी प्रेम से तो कभी डाट से समझाऐ गुरु कभी हाथ पकड़कर तो कभी कलम पकड़ के बताये गुरु गलती पर समझये गुरु तेरा हौसला हमेशा बढाए गुरु निराशा में आशा जगाए गुरु। ख़तरों से लड़ना सिखाए गुरु जीवन मे आगे बढ़ना सिखाए गुरु मुश्किल में मार्ग बताए गुरु जीवन का लक्ष्य बताए गुरु असल मे दुनिया मे जीना सिखाए गुरु जीवन सफल कराए गुरु । तीनों लोक जिनके गुन गाते ब्रहमा ,विष्णु ,महेश शीश झुकाते स्वंम गोविंद गुरु को आगे बताते जीवन का उद्धार हैं ,गुरु मैं ही सफलता का मार्ग है गुरु उमीदों का चिराग हैं । "Happy Teacher's Day " गुरु ज्ञान का प्रकाश

Friendship Day Special

" Happy friendship day " सुना हैं मोहब्बत मिट सकती हैं ,  पर देखा हैं दोस्ती कभी दफन नही होती,    सच्चे यारों में कभी ग़द्दारी नही होती और ,      आजमाया हैं हमने इस दुनियां में दोस्ती से अच्छी ,        कोई रिश्तेदारी नही होती दोस्तो जैसी कही यारी नहीं होती हर कोई दौलत का मोहताज नहीं होता  हर किसी के सर पर बादशाह का ताज नहीं होता  अगर होते ना हमारी जिदंगी में आप जैसे बेहतरीन दोस्त  तो ये जिदंगी का हर दिन इतना खास नहीं होता।। वो हर फैसलों में दोस्तों का तुम्हारा साथ निभाना  तुम्हारी गलती पर तुम्हें समझाना  मुसिबत से तुम्हे बचाना  तेरे रूठने पर तुझे बेतहाशा मनाना।।  तेरे साथ मिलकर हंसना  गाना तेरे उदास होने पर  तुझे सीने से लगाना  तेरे रोने पर उसके आसुओं का निकल आना।।।  तेरी हर पसंद नापसंद का ख्याल जिसको हमेशा आना  तेरे जन्मदिन की खुशियों को महिनो पहले ही मानाना  भुखड़ो कि तरह वो हर छोटी चीज की पार्टी मागते जाना।।  तेरी खामोशियो को पल भर में समझ जाना  नई नई तरकिबो से तुझे मनाना  तेरे सामने तेरी हंसी और पीठ पिछे तेरी तारीफों की कतार लगाना ।।  वो तेरा बेखौफ होकर उसको हर शोक बताना  त

हर हर महादेव!!

आया महाशिवरात्रि का त्यौहार हैं दिखी शिव भक्तो में शिव भक्ति की बौछार हैं पुजन को भस्म तैयार है आए महादेव होके नंदी पर सवार हैं महादेव की लीला अपरमपार हैं करते भक्तों का उद्धार हैं शिवालयों मैं गूजें शिव की जय जय कार हैं। सिर में जटा , जटा मैं गंगा ,गले मैं विशधर नाग विराजे, हाथ मैं डमरू त्रिशूल संग बाजे ,नंदी संग करें सवारी ,सर पर चंद्रमा चंचल मुँख धारी,मुँख मदुल सुदर नैयन माथे त्रिनेत्र शोभित अति प्यारी गले रूद्राक्ष संग माँ सति विराजे शोभा अपरमपार साजे। मनविभोर ,अद्भुत, अलोकिक, अलंकृत जिनका अवतार हैं आदिशक्ति संग विराजे महादेव कैलाश पर गूजें भोलेनाथ की जयजयकार हैं भांग ,धतूरा, बेलपत्रों, अकडो़ से सजा भोले तेरा दरबार हैं भक्त दरशन को आतुर कर रहे तेरा इंतजार है भोले भंडारी करते भक्तों को भवसागर पार हैं। वो दिन दयालु हैं सबसे कुंपालु हैं, त्रिनेत्र धारी ,त्रिलोचन ,त्रिलोकी नाथ सबके रखवाले हैं, देवताओं संग दानव भी करते पूजन जिनका वो देवो के देव महादेव कहलाने वाले हैं, काल भी भयभीत जिनसे वो महाकालेश्वर शिव भक्तों के रखवाले हैं । आओ.मिलकर मस्त मगन हो जाओ शिव भक्ति मैं खो जाओ शिव से साची प

झाँसी की रानी महारानी लक्ष्मीबाई।

बचपन से ही जिसने स्वतंत्रता के लिए अपनी तलवार उठाई थी, स्वाभिमान से जीना जिसकी स्वयं की लड़ाई थी , पुरुषों के समान घुड़सवारी और तलवारबाजी , जिसको तात्या गुरु ने सिखाई थी , वह शूरवीर शेरनी रानी लक्ष्मीबाई थी । सन सत्तावन में उसने क्रांति जगाई थी , दूर फिरंगी को करने की उसने सौगंध खाई थी , दुश्मनों को उसने भी कई बार धूल चटाई थी , उसने अपने और अपनों के सम्मान के लिए लड़ी लड़ाई थी , वह वीर पूज्यनीय लक्ष्मीबाई थी । क्रांति की ज्वाला जिसने सब में जलाई थी , क्या स्त्री क्या पुरुष सब ने मिलकर आवाज उठाई थी , हर स्त्री ने उस समय चूड़ी नहीं तलवार की धार बढ़ाई थी , हारी नहीं कोई भी स्त्री क्योंकि इनकी नेता वीरांगना लक्ष्मीबाई थी । बचपन में ही जिसने बड़े बड़ों को धूल चटाई थी , अंग्रेजों से उनकी नींद चुराई थी , अपने देश के गुलामी से आजाद हिंद बनाने के लिए , जिसने तलवार उठाई थी , वह वीर स्त्री लक्ष्मी बाई कहलाई थी । मोरोपंत की पुत्री कहलाई थी , तीर तलवार भाला जिसको , उसने अपनी सच्ची शक्तियां बताई थी , क्या हिंदू क्या मुस्लिम उसने सब में ज्वाला जगाई थी , दुश्मनों को मार गिर

वर्दी का रंग सफेद हुआ।।।।

वर्दी का रंग बदला हैं इसबार सफेद रंगो मैं धारण होकर सेवक आए हैं नमन कर रही हैं पूरी सरजमीं इनको अपने परिवारों को छोड़ ,ये अपनों की जान बचाने आए हैं, इस बार सफेद खाखी मैं फरिश्ते आए हैं ,मातृभूमि की रक्षा करने  माँ भारती के कर्मवीर आए हैं। कल तक सरहदों पर जो खड़े थे वो वतन के रखवाले थे आज सरहदों के अंदर ही खड़े सबकी जान बचाने सेवक आए हैं ,इसबार सफ़ेद कपड़ो मैं फरिश्ते आए हैं। रंग केवल वर्दी का बदला हैं ,जोश वहीं पुराना हैं, दुश्मन घर का हो या बाहर का मिलकर उसको मिटाना हैं ,अपने वतन को बचाना है। भुरे रंग की वर्दी से खाखी का रंग सफ़ेद हो गया बंदूकों के बजाए शरीर पीपीटी किट में कैद हो गया उस फरिश्ते का पुरा दिन दवाइयों से दुश्मनों को मारने में खो गया वो डॉक्टर बिना खाये - पिये मरीजों के इलाज मैं मग्न हो गया बिना नींद लिए वो सारी रात दिन देश की सेवा में एक हो गया। वर्दी का रंग बदला है ,उमीदें आज भी वही है ,सरहदों की लाज भी यही है, सफ़ेद रंगो मैं ये वीर हैं ,अब जीवन की अरदास भी यही है बच पा रहे हम तो उसका राज भी यही हैं ईश्वर का आशीर्वाद भी यही है। ना जाने फिर भी क्यों हो रहा इनपर वार हैं जबकि इन स

कारगिल विजय दिवस(Tribute to kargil Soldiers)

 सन्न 1999 की वो लड़ाई थी एक आंधी जोर से आई थी वीरो ने धुल दुश्मनो को चटाई थी न झुकें थे हम कभी न झुकेंगे ये बात सिद्ध करके दखाई थी। ये माटी कर रही तुम्हारी जय जय कार हैं इतिहास गवाह विजय दिवस पर नमन कर रहा शहीदो को पूरा हिंदुस्तान हैं आज भी उस चोटी पर वीरो के लहु के निशान हैं ये भारत माँ की साँची संतान हैं। नमन शहीदो के बलिदान को,नमन शहीदो के स्वाभिमान को,  नमन करता पूरा भारत गर्व से हमारे जवानों कि शान को मात्रुभूमि के वीर जवानों  को। ये जमी तुम्हारी कर्जदार हैं,  इसके कण -कण मैं गुजी तुम्हारी पुकार हैं, तेरी ललकारो से गूँजी कश्मीर की घाटी बार बार हैं,  देश का पत्ता पत्ता करता शहीदो की जय जयकार है, नमन शहीदो को करता ये सारा संसार हैं।

आवाज उठाओ (Raise Your Voice)

एक बार फिर हर बेटी ने प्रश्न उठाया! कुछ दरिंदों की वजह से पूरा वतन शर्मिंदा हो आया, तब हर बेटी ने एक ही सवाल उठाया, ऐसे दरिंदों को जीने का अधिकार ही किसने दिलाया??  ऐसे दरिंदों को खत्म करो, इनको जीने का अधिकार नहीं, जिनके मन में बच्ची के लिए प्यार नहीं।।

आतंकवाद(Based on 26/11 Terror Attack)

फैला रहे हैं जो दहशत दुनिया में, उनके खिलाफ मिलकर आवाज उठाओ, खत्म करो अब इनका तमाशा, चलो इनको इनके गुनाहों की सजा सुनाओ, आतंकवाद का नामोनिशान मिटाओ।।

बाल दिवस पर एक संदेश(Children's Day Special)

14 नवंबर का दिवस सुनहरा आया, हम सब ने मिलकर इसे बाल दिवस के रूप में मनाया, बच्चों से अत्यधिक स्नेह होने के कारण, नाम उन्हें चाचा नेहरू मिल पाया, बच्चों को ही उन्होंने देश का उज्जवल भविष्य बताया, बच्चों में ही यह सारा संसार समाया।।

अयोध्या : "एक विवादित मुद्दा"

क्या फर्क पड़ता इससे  बने मंदिर या बने मस्जिद? क्योंकि दोनों ही रब के सच्चे दरबार है, आस्था के नाम पर क्यों हो रहा वतन में झगड़ा बार-बार है, क्यों फट रहे सिर आर-पार है, वह रब तेरी शक्ति का नहीं तेरी भक्ति का यार है।

दीपावली

अमावस पर भी चारो और चांद नजर आए,  अंधेरे में भी चारो और प्रकाश जगमगाए, अंधकार को दूर कर चारों और रोशनी का दीप जलाए, सुख समृद्धि और खुशहाली के साथ, आओ मिलकर सब दीपावली का त्यौहार मनाए।

करवा चौथ(Karwa Chauth)

हर सुहागन का प्रिय यह त्यौहार हैं, करती बिना अन्न जल के वह,  ये व्रत उनके लिए उपहार हैं, करती पूजा वो इस दिन अपने पति की, मानो जैसे वह उसके लिए ईश्वर का उपहार है।।

विजयदशमी - "दशहरा"

विजयदशमी पर तुम सब मिलकर दीप जलाओ, सब मिलकर असत्य पर सत्य की विजय का त्योहार मनाओ, अपनी अपनी बुराइयों का अंत करके तुम भी सतमार्गअपनाओ, आओ सब मिलकर दशहरा का त्यौहार मनाओ।। मिलकर श्री रामचंद्र की जय जयकार लगाओ, पूजन करो संग मेले में जाओ, विजयदशमी का त्यौहार सब मिलकर मनाओ, बुराई का विनाश करके अच्छाई का दीप जलाओ, अधर्म पर धर्म की विजय का तुम भी जश्न मनाओ, मिलकर सब दशहरा मनाओ।।

महात्मा गांधी (प्रिय बापूजी) - Mahatma Gandhi

सत्य और अहिंसा कि जिसने लड़ी लड़ाई थी, जिसके सामने अंग्रेजी हुकूमत ने गर्दन झुकाई थी, उन्नीसवी सदी में चारों तरफ गांधी लहर छाई थी।। बुढे-बूढ़ों में भी स्वतंत्रता की चिंगारी उठ आई थी, जब गांधी ने अपनी लाठी उठाई थी, पीछे पूरे हिंदुस्तान की जनता उसके संग आई थी, जब भी उसने आवाज उठाई थी।। "जहाँ प्यार है, वहाँ जीवन है।"   – Mahatma Gandhi

हर दिल खास है(Every heart is special)

दिमाग और दिल में से जो जीत जाए वह दिल है, जीत कर भी दूसरो लिए हार मान जाए वह दिल है, मुश्किल में जो साथ निभाए वह दिल है, दिल सबका खास होता है।। दिखता नहीं किसी को ये, पर इसका एहसास बहुत खास होता है, धड़कता रहता है ये जब तक जिंदगी का साथ होता है, इसके रुकने से ही मौत का एहसास होता है, दिल सबका खास होता है।। हमेशा ख़याल रखो इसका, क्योंकि बहुत नाजुक इसका एहसास होता है, अपना हो या अपनों का, दिल तो हर किसी का खास होता है।।

नवरात्रा

नवरात्रों के पावन दिन आए है, चारों ओर सब ने माता के मंदिर सजाए हैं, धूमधाम से मिलकर सब ने माता के गीत गाए हैं, शारदीय नवरात्र आए हैं।। प्रथम दिन माँ शैलपुत्री के गुण आज गाए हैं, दिव्य माता की महिमा अलौकिक छाई है, नवरात्रों ने चारों ओर डांडिया की धूम मचाई है, आस्था यहां व्रत और उपवास में बदल आई हैं, मां ने हमेशा अपने भक्तों की बिगड़ी बनाई है।।