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झाँसी की रानी महारानी लक्ष्मीबाई।

बचपन से ही जिसने स्वतंत्रता के लिए अपनी तलवार उठाई थी, स्वाभिमान से जीना जिसकी स्वयं की लड़ाई थी , पुरुषों के समान घुड़सवारी और तलवारबाजी , जिसको तात्या गुरु ने सिखाई थी , वह शूरवीर शेरनी रानी लक्ष्मीबाई थी । सन सत्तावन में उसने क्रांति जगाई थी , दूर फिरंगी को करने की उसने सौगंध खाई थी , दुश्मनों को उसने भी कई बार धूल चटाई थी , उसने अपने और अपनों के सम्मान के लिए लड़ी लड़ाई थी , वह वीर पूज्यनीय लक्ष्मीबाई थी । क्रांति की ज्वाला जिसने सब में जलाई थी , क्या स्त्री क्या पुरुष सब ने मिलकर आवाज उठाई थी , हर स्त्री ने उस समय चूड़ी नहीं तलवार की धार बढ़ाई थी , हारी नहीं कोई भी स्त्री क्योंकि इनकी नेता वीरांगना लक्ष्मीबाई थी । बचपन में ही जिसने बड़े बड़ों को धूल चटाई थी , अंग्रेजों से उनकी नींद चुराई थी , अपने देश के गुलामी से आजाद हिंद बनाने के लिए , जिसने तलवार उठाई थी , वह वीर स्त्री लक्ष्मी बाई कहलाई थी । मोरोपंत की पुत्री कहलाई थी , तीर तलवार भाला जिसको , उसने अपनी सच्ची शक्तियां बताई थी , क्या हिंदू क्या मुस्लिम उसने सब में ज्वाला जगाई थी , दुश्मनों को मार गिर

कारगिल विजय दिवस(Tribute to kargil Soldiers)

 सन्न 1999 की वो लड़ाई थी एक आंधी जोर से आई थी वीरो ने धुल दुश्मनो को चटाई थी न झुकें थे हम कभी न झुकेंगे ये बात सिद्ध करके दखाई थी। ये माटी कर रही तुम्हारी जय जय कार हैं इतिहास गवाह विजय दिवस पर नमन कर रहा शहीदो को पूरा हिंदुस्तान हैं आज भी उस चोटी पर वीरो के लहु के निशान हैं ये भारत माँ की साँची संतान हैं। नमन शहीदो के बलिदान को,नमन शहीदो के स्वाभिमान को,  नमन करता पूरा भारत गर्व से हमारे जवानों कि शान को मात्रुभूमि के वीर जवानों  को। ये जमी तुम्हारी कर्जदार हैं,  इसके कण -कण मैं गुजी तुम्हारी पुकार हैं, तेरी ललकारो से गूँजी कश्मीर की घाटी बार बार हैं,  देश का पत्ता पत्ता करता शहीदो की जय जयकार है, नमन शहीदो को करता ये सारा संसार हैं।

वीरो की कहानी उनकी जुबानी

भिगोकर वह वीर अपनी वर्दी, खून से एक कहानी कह गए, बिना सोचे समझे, वो मुल्क को अपनी जवानी दे गए, मना रहे थे तब जब हम-तुम प्रेम के पल, सच्ची देश भक्ति की कहानी कह गए।

आतंकवाद(Based on 26/11 Terror Attack)

फैला रहे हैं जो दहशत दुनिया में, उनके खिलाफ मिलकर आवाज उठाओ, खत्म करो अब इनका तमाशा, चलो इनको इनके गुनाहों की सजा सुनाओ, आतंकवाद का नामोनिशान मिटाओ।।

अयोध्या : "एक विवादित मुद्दा"

क्या फर्क पड़ता इससे  बने मंदिर या बने मस्जिद? क्योंकि दोनों ही रब के सच्चे दरबार है, आस्था के नाम पर क्यों हो रहा वतन में झगड़ा बार-बार है, क्यों फट रहे सिर आर-पार है, वह रब तेरी शक्ति का नहीं तेरी भक्ति का यार है।

महात्मा गांधी (प्रिय बापूजी) - Mahatma Gandhi

सत्य और अहिंसा कि जिसने लड़ी लड़ाई थी, जिसके सामने अंग्रेजी हुकूमत ने गर्दन झुकाई थी, उन्नीसवी सदी में चारों तरफ गांधी लहर छाई थी।। बुढे-बूढ़ों में भी स्वतंत्रता की चिंगारी उठ आई थी, जब गांधी ने अपनी लाठी उठाई थी, पीछे पूरे हिंदुस्तान की जनता उसके संग आई थी, जब भी उसने आवाज उठाई थी।। "जहाँ प्यार है, वहाँ जीवन है।"   – Mahatma Gandhi

अमर गाथा

कोई स्वराज दिला कर चल गया, कोई राष्ट्रभक्ति जगा कर चला गया, इस धरती पर जो भी आया खाली हाथ चला गया।। किसी का नाम हमेशा के लिए अमर हो गया, तो किसी का उसके साथ ही खत्म हो गया, पर जो भी देश भक्ति में लिन हुआ, वह हमेशा के लिए अमर हो गया।।

राष्ट्रीय फूल (National Flower)

कली से जो फूल बन गया वो तो गुलाब है, जो टूट के भी निखर गया वो तो सच में लाजवाब है।। कली से जो फूल बन गया वो तो गुलाब है, पर फूल बन कर भी जो चारों दिशाओं मैं खिल गया, वो कमल तो सच में लाजवाब है।। जिनकी सुगंध चारों ओर फैल गई वो तो गुलाब है, पर जिसकी महक से चारों ओर चहक फैल गई , वो कमल तो सच में लाजवाब है।।

आग-"बस जलती रहे"(Aag- A Poem based on Article 370)

चिंगारी मेरे सीने में ना सही तेरे सीने में ही सही, कहीं भी हो बस जलती रहे इस तेज के साथ कि, दुश्मनों में  बस आग लगा दे।। सरहद पर जो तूने लगाई आग, अब देख तुझे कैसे करती है राख, अब घर घर में चिंगारी उठ आई है, हर देशभक्त ने तुझे भस्म करने की कसम खाई है।।

तेरे लिए मैं सबकुछ छोड़ आया हूँ (Sacrifice of A Soldier)

ए धरती माँ तेरे लिए मैं अपना सब कुछ छोड़ आया हूं, मेरी नन्ही सी जिंदगी चिड़िया को महकता छोड़ आया हूं, किसी की बाहों को अकेला छोड़ आया हूं, किसी की निगाहों को तरसता छोड़ आया हूं, ए धरती मां अब तू मुझे गले लगा लेना, तेरे लिए मैं अपनी आन-बान और शान छोड़ आया हूं II Click here to follow my Telegram Group

मैं घर लौट कर वापस आऊंगा (I'll be back home)

जेब में परिवार वालों की फोटो रख आया, मैं भी उन सब से कुछ कह आया, अपना फर्ज में निभाऊंगा, पिता तेरा सीना भी गर्व से चौड़ा करवाऊंगा, माँ मैं घर आकर तुझे भी सीने से लगाऊंगा II

कफ़न(Martyr)

अपने बेटे को देख कफन में लिपटे पिता का सीना गर्व से चौडा होता है, पर सच कहूं वह पिता अकेले में बैठकर फूट-फूट कर रोता है। कफन में देख बेटे को मां को अपनी कोख पर गर्व होता है, पर सच कहूं जब धुंधली आंखों के सामने से जब बेटा ओजल होता है  तो दिल बहुत रोता है । जिसने मांग सजाई उसे तिरंगे में सजा देख खुद पर गर्व होता है, पर सच कहूं उस मांग को अब उजड़ते देख अब जीने का मन नहीं होता है।