ना हार मान ना हारने दे जिंदगी तेरी है, जब तक मंजिल ना मिले ना खुद को चैन आने दे, ना ही अपने जोश को ठहर जाने दें, कदम हर वक्त बढ़ाते जाने दे, रास्ते खुद बे खुद खुुुल जाए गे खुद में ऐसी हिम्मत जग जाने दे। आसानी से कहां हीरे मिलते हैं, गहराई में खुद को जाने दे, समुंद्र में खुद को डुबकी लगाने दे, खुद हीरो का अंबार लग जाएगा, जब तेरे मन में उम्मीदों का हार लग जाएगा, तब हर मुश्किल का द्वार अपने आप खुल जाएगा। डरना वीरों की शान नहीं, हारना तो मेरा स्वाभिमान नहीं, जीत आत्मविश्वास की होती सदा, बिना हिम्मत के मंजिल रोती सदा, कोशिश सबको सिखाए जा, नए रास्ते बताए जा, मंजिल खुद तेरे कदम चूमेगी, बस दिल में एक बार "हौसला जगाए जा"। उम्मीद तु खुद से लगाये जा। तूूू कदम बढ़ाए जा, आत्मविश्वास जगाए जा, मंजिल जरूर मिलेगी तुझे एक बार, "तू हौसला दिखाए जा।"
A passionate writer presenting self written poems with brand new thoughts for our loving members.