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हौसला जगाए जा ।

ना हार मान ना हारने दे जिंदगी तेरी है, जब तक मंजिल ना मिले ना खुद को चैन आने दे, ना ही अपने जोश को ठहर जाने दें, कदम हर वक्त बढ़ाते जाने दे, रास्ते खुद बे खुद खुुुल जाए गे खुद में ऐसी हिम्मत जग जाने दे। आसानी से कहां हीरे मिलते हैं,   गहराई में खुद को जाने दे, समुंद्र में खुद को डुबकी लगाने दे, खुद हीरो का अंबार लग जाएगा, जब तेरे मन में उम्मीदों का हार लग जाएगा, तब हर मुश्किल का द्वार अपने आप खुल जाएगा। डरना वीरों की शान नहीं, हारना तो मेरा स्वाभिमान नहीं, जीत आत्मविश्वास की होती सदा, बिना हिम्मत के मंजिल रोती सदा, कोशिश सबको सिखाए जा, नए रास्ते बताए जा, मंजिल खुद तेरे कदम चूमेगी, बस दिल में एक बार "हौसला जगाए जा"।  उम्मीद तु खुद से लगाये जा। तूूू कदम बढ़ाए जा, आत्मविश्वास जगाए जा, मंजिल जरूर मिलेगी तुझे एक बार, "तू हौसला दिखाए जा।"

माँ मुझे भी उड़ जाने दो ।

 तेरे आँगन की चिड़िया हु ना माँ, तो मुझे भी खुले आसमा में उड़ जाने दो, मुझे भी खुलकर पंख फेलाने दो, तेरे आँगन की गुड़िया हु न माँ, तो मुझे भी मन पसंद के खिलोनो से खेल जाने दो ।   क्यों भवरों को ही छुट दे रखी हैं माँ ,मन चाहे फूलों पर मँडराने की, में भी तो तितली हु तेरे आँगन की मुझे भी छूट दे दो मनछाए फूलों पर मँडराने की उड़ कर महक बरसाने की।  उड़ रहे हैं माँ सब खुले आस्मा में क्यों पंख मेरे बाँधे हुए हैं? मन मेरा भी चाहता हैं नील गगन में उड़ जाने को खुले अस्मा में पंख फैलने को आज़ादी के एहसास को महसुस कर जाने को।  खुले दरवाजे सबके लिए यहाँ माँ क्यों खिड़की से में झाकु? बंद हैं यहाँ मेरा पिंजरा माँ कैसे यहाँ से में नील गगन की औऱ झाकु? कैसे उड़ने के लिए अपने पँखो को आकू। शेरनी हु ना माँ में तेरे आँगन की तो क्यों बिल्ली बनकर औरो के पिछे भागु क्यों हर बार दूसरों के लिए में ही अपना सबकुछ त्यागू मुझे भी हक़ हैं खुलकर जीने का क्यों बन्द गुफा से में झाकु?  एक मौका मुझे भी दो माँ मुझे भी उड़ जाने दो अपनी पसंद से जी जाने दो अस्मा को चूम आने दो अंतरिक्ष पर कदम बढ़ाने दो मैं भी सबकुछ कर  सकती हु माँ बस एक बार

जिंदगी की रेस में बच्चों का बचपन कही खो गया।

 जिंदगी की रेस में बच्चों का बचपन कही खो गया परिवर्तन ये बड़ा अजीब हो गया । वो बारिश के मौसम में कागज की कश्ती तैराना, वो बारिश के पानी में दोस्तो संग नाचना-गाना,वो रेत के टीलों पर अपना-अपना घर बनाना, शोर -गुल के साथ गिल्ली-डंडा उड़ाना,वो बात बात पर रूठना-मनाना सब न जाने कही सो गया ,जिंदगी की रेस में बच्चों का बचपन कही खो गया। वो दादी-नानी की कहानियां सारी- सारी रात सुनना ,वो परियो और भूतों में बेहतरीन यकीन करना, वो छत पर सोते हुए अस्मा में यु तेरे गिनना ना जाने कहाँ खो गया ,जिंदगी की रेस मैं बच्चों का बचपन कही सो गया।  वो बचपन मे माँ का लोरी सुनाना, पिता का प्यार से कंधे पर बिठाना ,वो माता-पिता का बच्चों के साथ दोस्तों की तरह खेलते,नाचते,गाना हस्ते हँसाते उनको पढना ना जाने कहा खो गया जिन्दगी की रेस मैं बच्चों का बचपन कही खो गया। वो गलती करने पर मासूम सी शक्ल बनाना डाट से बचने के लिए आँसू बहाना, भरपूर नोटंकी दिखा-दिखा कर सबका दिल बहलाना,वो रोज नए सपने देख सबको बताना, हँसना-रोना तो कभी बड़ा सा मुँह फूलना सच मे बड़ा यादगार था, बचपन का हर किस्सा अब कही खो ,गया जिंदगी की रेस में बच्चों का बचपन

तेरी आज की मेहनत ही तेरी कल की सफलता का राज हैं।

जिस हिम्मत से तूने कदम बढ़ाया है, मुश्किलों से लड़ने का जो तूने हौसला खुद में जगाया है, देख उस खुदा ने भी कितनी शिद्दत से, तेरे रास्तों के कांटों को हटाया है, तुझे रास्ता दिखाया है। जिस सपनों को तूने सजाया है, जिन को पूरा करने के लिए तूने दिन-रात खुद को जगाया है, हो रहा असफल फिर भी उसे पाने के लिए जी जान तूने लगाया है, मिलेगा वह पद भी तुझे जरूर, क्योंकि उस रब ने मेहनत को सबसे ऊपर बताया है। जिस चीज को पाने के लिए तूने अपना सब कुछ गंवाया है, जिसके लिए तूने हर चोट को अपनाया है, एक दिन जीत तेरी भी जरूर होगी, क्योंकि तू हार से ना कभी घबराया है, ना कभी मैदान छोड़कर भाग आया है। जिस मुसीबत से डरा नहीं तू, Add caption किस्मत के सामने झुका नहीं तू, उसकी तो मंजिल भी मोहताज है, कदम बढ़ा तू क्योंकि, सजेगा जरूर एक दिन तेरे सर पे भी ताज है, आज की मेहनत तेरी कल की खुशियों का राज है। जिस यकीन से तूने मंजिलों को पाने की कोशिश की है, उस यकीन से ही तेरी किस्मत भी झुकी है, साबित कर देगी तेरी मेहनत भी, एक दिन सबको की मेहनत के सामने सारी दुनिया झुकी है। "अगर जिद तेरी पक्क

गुरु

 गुरु गंगा की धार हैं गुरु गीता का सार हैं ,गुरु से उज्ज्वल ये संसार हैं गुरु से ही जीवन का उद्धार हैं। भटके हुए का मार्ग हैं गुरु ,तेरी मंजिल के पथ का सच्चा साथी हैं गुरु,अगर दीया तू तो  बाती हैं गुरु ,अंधेरों में भी रोशनी जला दे ऐसे साथी हैं गुरु । तू अगर पंछी हैं तो तेरी उड़ान की पहचान हैं तेरे गुरु ,तु फुल हैं तो तेरी सुगंध की पहचान है तेरे गुरु, तु हैं अगर स्वाभिमानी तो तेरा अभिमान हैं गुरु, तेरी उन्नति की पहचान है गुरु ,असल मैं इस धरती का भगवान हैं गुरू। कभी प्रेम से तो कभी डाट से समझाऐ गुरु कभी हाथ पकड़कर तो कभी कलम पकड़ के बताये गुरु गलती पर समझये गुरु तेरा हौसला हमेशा बढाए गुरु निराशा में आशा जगाए गुरु। ख़तरों से लड़ना सिखाए गुरु जीवन मे आगे बढ़ना सिखाए गुरु मुश्किल में मार्ग बताए गुरु जीवन का लक्ष्य बताए गुरु असल मे दुनिया मे जीना सिखाए गुरु जीवन सफल कराए गुरु । तीनों लोक जिनके गुन गाते ब्रहमा ,विष्णु ,महेश शीश झुकाते स्वंम गोविंद गुरु को आगे बताते जीवन का उद्धार हैं ,गुरु मैं ही सफलता का मार्ग है गुरु उमीदों का चिराग हैं । "Happy Teacher's Day " गुरु ज्ञान का प्रकाश

झाँसी की रानी महारानी लक्ष्मीबाई।

बचपन से ही जिसने स्वतंत्रता के लिए अपनी तलवार उठाई थी, स्वाभिमान से जीना जिसकी स्वयं की लड़ाई थी , पुरुषों के समान घुड़सवारी और तलवारबाजी , जिसको तात्या गुरु ने सिखाई थी , वह शूरवीर शेरनी रानी लक्ष्मीबाई थी । सन सत्तावन में उसने क्रांति जगाई थी , दूर फिरंगी को करने की उसने सौगंध खाई थी , दुश्मनों को उसने भी कई बार धूल चटाई थी , उसने अपने और अपनों के सम्मान के लिए लड़ी लड़ाई थी , वह वीर पूज्यनीय लक्ष्मीबाई थी । क्रांति की ज्वाला जिसने सब में जलाई थी , क्या स्त्री क्या पुरुष सब ने मिलकर आवाज उठाई थी , हर स्त्री ने उस समय चूड़ी नहीं तलवार की धार बढ़ाई थी , हारी नहीं कोई भी स्त्री क्योंकि इनकी नेता वीरांगना लक्ष्मीबाई थी । बचपन में ही जिसने बड़े बड़ों को धूल चटाई थी , अंग्रेजों से उनकी नींद चुराई थी , अपने देश के गुलामी से आजाद हिंद बनाने के लिए , जिसने तलवार उठाई थी , वह वीर स्त्री लक्ष्मी बाई कहलाई थी । मोरोपंत की पुत्री कहलाई थी , तीर तलवार भाला जिसको , उसने अपनी सच्ची शक्तियां बताई थी , क्या हिंदू क्या मुस्लिम उसने सब में ज्वाला जगाई थी , दुश्मनों को मार गिर

वर्दी का रंग सफेद हुआ।।।।

वर्दी का रंग बदला हैं इसबार सफेद रंगो मैं धारण होकर सेवक आए हैं नमन कर रही हैं पूरी सरजमीं इनको अपने परिवारों को छोड़ ,ये अपनों की जान बचाने आए हैं, इस बार सफेद खाखी मैं फरिश्ते आए हैं ,मातृभूमि की रक्षा करने  माँ भारती के कर्मवीर आए हैं। कल तक सरहदों पर जो खड़े थे वो वतन के रखवाले थे आज सरहदों के अंदर ही खड़े सबकी जान बचाने सेवक आए हैं ,इसबार सफ़ेद कपड़ो मैं फरिश्ते आए हैं। रंग केवल वर्दी का बदला हैं ,जोश वहीं पुराना हैं, दुश्मन घर का हो या बाहर का मिलकर उसको मिटाना हैं ,अपने वतन को बचाना है। भुरे रंग की वर्दी से खाखी का रंग सफ़ेद हो गया बंदूकों के बजाए शरीर पीपीटी किट में कैद हो गया उस फरिश्ते का पुरा दिन दवाइयों से दुश्मनों को मारने में खो गया वो डॉक्टर बिना खाये - पिये मरीजों के इलाज मैं मग्न हो गया बिना नींद लिए वो सारी रात दिन देश की सेवा में एक हो गया। वर्दी का रंग बदला है ,उमीदें आज भी वही है ,सरहदों की लाज भी यही है, सफ़ेद रंगो मैं ये वीर हैं ,अब जीवन की अरदास भी यही है बच पा रहे हम तो उसका राज भी यही हैं ईश्वर का आशीर्वाद भी यही है। ना जाने फिर भी क्यों हो रहा इनपर वार हैं जबकि इन स

वीरो की कहानी उनकी जुबानी

भिगोकर वह वीर अपनी वर्दी, खून से एक कहानी कह गए, बिना सोचे समझे, वो मुल्क को अपनी जवानी दे गए, मना रहे थे तब जब हम-तुम प्रेम के पल, सच्ची देश भक्ति की कहानी कह गए।

अभी तो(Right Now)

अभी तो कदम बढ़ाया है, मंजिल तक जाना बाकी है। । अभी तो  पहाड़ पर आया हूँ, एवरेस्ट पर फतह करना बाकी है। । अभी तो सूरज की किरणें निकली है, अभी रोशन जहां को करना बाकी है। ।

कोशिश(Impossible)

कभी आशा, कभी निराशा,  कभी धूप, कभी छांव, हर पल बदलता यहाँ जीवन का ठहराव, राह में चाहे कितनी भी बाधा आए, मत छोड़ना कभी  हिम्मत और कोशिश का भाव।।

बाजीगर(Winner)

उसे कौन हरा पाया जिसने हार कर भी खुद को बाजीगर बताया, जिसने खुद ही अपना हौसला बढ़ाया, अपनी मेहनत से इतिहास के पन्नों में नाम कमाया, जिसने किस्मत को भी अपनी मेहनत से छोटा बताया, भला उससे आज तक कौन जीत पाया, क्योंकि हर सरताज अपनी मेहनत के बल पर पाया।।

सच्चा रिश्ता(True Relation)

कुछ रिश्ते इतने खास होते हैं, बिन बोले ही जिनके एहसास होते हैं। कहकर बताने की क्या जरूरत उनको, जो बिन कहे समझ जाए, वही दिल के सबसे पास होते हैं।। बिना आंसू देखे जो दुख समझ जाए, तुम्हारी हंसी के पीछे का गम समझ जाए, तुम्हारी खुशी के पीछे का दर्द समझ जाए, तुम्हारी नाराजगी के पीछे का राज समझ जाए, वही रिश्ता तुम्हारा सबसे खास होता है।।

"आस्था"- जीवन का आधार

आस्था में भी अनोखी शक्ति का वास्ता है, आंख बंद करके तू देख हर मुसीबत मैं कोई न कोई रास्ता है। मत रख अधिक उम्मीद दुनिया से, सबको अपने मतलब से वास्ता है। रख उम्मीद बस उस रब से, जिसके पास हर मुसीबत का रास्ता है।। आस्था की शक्ति अपरंपार है, कहीं बार लगाई इसने नैया पार है, क्योंकि आस्था स्वयं ईश्वर का आधार है, आस्था से दूर अंधकार है, खुले प्रेम और प्रकाश के द्वार है, आस्था अलौकिकता का आधार है।।

जीवन की परिभाषा (Definition of Life)

कुछ कर दिखाने की आशा कुछ कर जाने की जिज्ञासा, कुछ खोकर पाने की आशा रो कर हंस जाने की आशा, हर मुसीबत से मिल जाती है एक नई परिभाषा, लड़कर उससे बाहर आने की अभिलाषा, यही है हमारी जिंदगी की परिभाषा।। किसी को मनाने कीआशा सपनों को पुरा कर जाने की जिज्ञासा, कुछ नया सिख जाने की आशा, अपनो के संग मिलकर गीत गाने की आशा, असल मै यही है--- मस्त जिंदगी जीने की परिभाषा।।

हर दिल खास है(Every heart is special)

दिमाग और दिल में से जो जीत जाए वह दिल है, जीत कर भी दूसरो लिए हार मान जाए वह दिल है, मुश्किल में जो साथ निभाए वह दिल है, दिल सबका खास होता है।। दिखता नहीं किसी को ये, पर इसका एहसास बहुत खास होता है, धड़कता रहता है ये जब तक जिंदगी का साथ होता है, इसके रुकने से ही मौत का एहसास होता है, दिल सबका खास होता है।। हमेशा ख़याल रखो इसका, क्योंकि बहुत नाजुक इसका एहसास होता है, अपना हो या अपनों का, दिल तो हर किसी का खास होता है।।

वो जिंदगी किस काम की ? (The purpose of this life?)

पल भर में जो बदल जाए वो दोस्ती किस काम की, किसी के काम ना आए तो यह जिंदगी किस काम की, हजार मित्र बनाएं मगर एक को भी ना पहचान पाए, ऐसी मित्रता  किस काम की, किसी के काम ना आए तो यह जिंदगी किस काम की ।।

राष्ट्रीय फूल (National Flower)

कली से जो फूल बन गया वो तो गुलाब है, जो टूट के भी निखर गया वो तो सच में लाजवाब है।। कली से जो फूल बन गया वो तो गुलाब है, पर फूल बन कर भी जो चारों दिशाओं मैं खिल गया, वो कमल तो सच में लाजवाब है।। जिनकी सुगंध चारों ओर फैल गई वो तो गुलाब है, पर जिसकी महक से चारों ओर चहक फैल गई , वो कमल तो सच में लाजवाब है।।

स्त्री शक्ति (Women Empowerment)

कभी किसी स्त्री को कम मत समझना, ब्रह्मा विष्णु शिव जिसके सामने शीश झुकाए, वह जगदंबा कहलाए, हर स्त्री में जगदंबा का वास है, हर स्त्री में कुछ ना कुछ खास है II तीनो लोक जिस के गुण गाए, वह जगदंबा कहलाए, जिसके होने से यह जीवन चक्र चलता जाए, वह एक माँ कहलाए, जो हर वक्त पुरुष को उसकी रक्षा का एहसास दिलाए, वह बहन कहलाए II

" नमो "(NaMo)

एक बार फिर मोदी की लहर छाई, चारों तरफ फिर से हर हर मोदी की आवाज आई, मोदी की गूंजे विपक्ष के कानों में भी जोरों से छाई, एक बार फिर मोदी की लहर छाई।। मैं तो ज्यादा राजनीति ना जानू , पर जीत उसी की हो जिसमें जनता की भलाई, चारों और मोदी की गूंज सुन मुझे बात समझ आई, मोदी से है सबकी भलाई, इसलिए हर-हर मोदी की गूंजे आई।।

आत्मविश्वास (Self Confidence )

एक बार तू चल कर तो देख, रास्ता खुद-ब-खुद नजर आएगा, तेरे सारे प्रश्नों के उत्तर तू खुद ढूंढ लाएगा, आंधी तूफान से भी तू लड़ झगड़ जाएगा, जब तुझ में आत्मविश्वास आ जाएगा II सूरज का तेज तुझमें भर जाएगा, तेरा मन भी चंद्रमा जैसे चंचल हो जाएगा, जब तू स्वयं पर विश्वास जगाएगा, सागर की लहरों को भी तू अकेला पार कर आएगा II