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वो बचपन फिर से याद आया

  चलते-चलते आज मैंने भी फिर से वो गीत गुनगुनाए अपने ही बचपन के नादान किस्से याद कर मन ही मन मुस्कुराए आज बचपन के वो मजेदार दिन फिर से याद आए । काश! वो दिन फिर से लौट आए  ऐसी उम्मीद हम सब लगाए  पानी में वह कागज की कश्ती दौड़ाए  खुले आसमान में बेखौफ पतंग उड़ाए  एक छत से दूसरे छत ऐसे कितने छतो को हम छू आए  बचपन के वो किस्से आज फिर याद आए । वो डांट से बचने के लिए दादा-दादी के पास चले जाना देर रात तक किस्से कहानियों का वो उनको सुनाना हर-पल याद आता है वो प्यार से माँ का लोरी गाना आज हो गया बचपन का हर किस्सा पुराना । उस पल बेखौफ जिंदगी का लुप्त उठाना  बात-बात पर रूठना मनाना  कभी डरना भूतों से कभी भूत बनकर दूसरों को डराना  शोर-गुल के साथ खेलना नाचना गाना  सब कुछ मानो खुला बाजार था  बचपन का हर किस्सा यादगार था  हर लम्हा बड़ा मजेदार था । दिल में ख्वाहिशों का लगा अंबार था  हर दुकान में कुछ ना कुछ पसंद आ जाता मुझे हर बार था  मेरी हर छोटी ख्वाहिश को पूरा करने में लगा मेरा पूरा परिवार था  उस वक्त अपनों में कुछ अनूठा प्यार था  वो स्कूल का वक्त भी तब सबसे मजेदार था । दिल में अच्छाई मन में सच्चाई  और द

हे ईश्वर ! बचा ले तेरे इंसान को।

  तबाही का मंजर देख तेरा इंसान घबरा रहा है यू अंधेरा चारों और छा रहा है सूरज उगे बिना ही ढलता जा रहा है यह कैसा अजीब दौर नजर आ रहा है तेरा इंसान बिन मौत ही मारा जा रहा है। हाँ माना खुदा तू अपनी नाराजगी जता रहा है हमारे ही कर्मों की सजा हमें ही सुना रहा है  हर चीज की कीमत अब हमें समझा रहा है  अब रहम कर तेरा इंसान एक-एक साँस को तरसता जा रहा है।  तेरे सामने यू लाशो का ढेर लगता जा रहा है  क्या हस्ती और क्या बस्ती  यह तो चारों तरफ फैला जा रहा है  तेरा इंसान अंधेरे की और धकेला जा रहा है  वो अपनी गलतियों को समझ पा रहा है  वो यकीनन पछता रहा है  मगर अब बस भी कर ऐ खुदा  यहाँ हर परिवार बिखरता जा रहा है  तेरा इंसान अब लड़खड़ा रहा हैं। वो हिम्मत हारता जा रहा है  वो अकेला पड़ता जा रहा है  तेरे सामने सर झुका रहा है  माफिया माँग अपनी गलतियों की  तुझसे उम्मीद दया की लगा रहा है  अब रहम कर तेरा इंसान तरसता जा रहा है। हाँ हुई गलतियां हमसे  तो माफ करना भी तो तेरा काम है  क्यों रूठ गया इतना हमसे  कि हमारा तुझे मनाना भी मानो नाकाम है  हे ईश्वर तू सर्वशक्तिमान है  तेरा इंसान तो मूर्ख और नादान है  इसे कहा इतनी प

हौसला जगाए जा ।

ना हार मान ना हारने दे जिंदगी तेरी है, जब तक मंजिल ना मिले ना खुद को चैन आने दे, ना ही अपने जोश को ठहर जाने दें, कदम हर वक्त बढ़ाते जाने दे, रास्ते खुद बे खुद खुुुल जाए गे खुद में ऐसी हिम्मत जग जाने दे। आसानी से कहां हीरे मिलते हैं,   गहराई में खुद को जाने दे, समुंद्र में खुद को डुबकी लगाने दे, खुद हीरो का अंबार लग जाएगा, जब तेरे मन में उम्मीदों का हार लग जाएगा, तब हर मुश्किल का द्वार अपने आप खुल जाएगा। डरना वीरों की शान नहीं, हारना तो मेरा स्वाभिमान नहीं, जीत आत्मविश्वास की होती सदा, बिना हिम्मत के मंजिल रोती सदा, कोशिश सबको सिखाए जा, नए रास्ते बताए जा, मंजिल खुद तेरे कदम चूमेगी, बस दिल में एक बार "हौसला जगाए जा"।  उम्मीद तु खुद से लगाये जा। तूूू कदम बढ़ाए जा, आत्मविश्वास जगाए जा, मंजिल जरूर मिलेगी तुझे एक बार, "तू हौसला दिखाए जा।"

माँ मुझे भी उड़ जाने दो ।

 तेरे आँगन की चिड़िया हु ना माँ, तो मुझे भी खुले आसमा में उड़ जाने दो, मुझे भी खुलकर पंख फेलाने दो, तेरे आँगन की गुड़िया हु न माँ, तो मुझे भी मन पसंद के खिलोनो से खेल जाने दो ।   क्यों भवरों को ही छुट दे रखी हैं माँ ,मन चाहे फूलों पर मँडराने की, में भी तो तितली हु तेरे आँगन की मुझे भी छूट दे दो मनछाए फूलों पर मँडराने की उड़ कर महक बरसाने की।  उड़ रहे हैं माँ सब खुले आस्मा में क्यों पंख मेरे बाँधे हुए हैं? मन मेरा भी चाहता हैं नील गगन में उड़ जाने को खुले अस्मा में पंख फैलने को आज़ादी के एहसास को महसुस कर जाने को।  खुले दरवाजे सबके लिए यहाँ माँ क्यों खिड़की से में झाकु? बंद हैं यहाँ मेरा पिंजरा माँ कैसे यहाँ से में नील गगन की औऱ झाकु? कैसे उड़ने के लिए अपने पँखो को आकू। शेरनी हु ना माँ में तेरे आँगन की तो क्यों बिल्ली बनकर औरो के पिछे भागु क्यों हर बार दूसरों के लिए में ही अपना सबकुछ त्यागू मुझे भी हक़ हैं खुलकर जीने का क्यों बन्द गुफा से में झाकु?  एक मौका मुझे भी दो माँ मुझे भी उड़ जाने दो अपनी पसंद से जी जाने दो अस्मा को चूम आने दो अंतरिक्ष पर कदम बढ़ाने दो मैं भी सबकुछ कर  सकती हु माँ बस एक बार

जिंदगी की रेस में बच्चों का बचपन कही खो गया।

 जिंदगी की रेस में बच्चों का बचपन कही खो गया परिवर्तन ये बड़ा अजीब हो गया । वो बारिश के मौसम में कागज की कश्ती तैराना, वो बारिश के पानी में दोस्तो संग नाचना-गाना,वो रेत के टीलों पर अपना-अपना घर बनाना, शोर -गुल के साथ गिल्ली-डंडा उड़ाना,वो बात बात पर रूठना-मनाना सब न जाने कही सो गया ,जिंदगी की रेस में बच्चों का बचपन कही खो गया। वो दादी-नानी की कहानियां सारी- सारी रात सुनना ,वो परियो और भूतों में बेहतरीन यकीन करना, वो छत पर सोते हुए अस्मा में यु तेरे गिनना ना जाने कहाँ खो गया ,जिंदगी की रेस मैं बच्चों का बचपन कही सो गया।  वो बचपन मे माँ का लोरी सुनाना, पिता का प्यार से कंधे पर बिठाना ,वो माता-पिता का बच्चों के साथ दोस्तों की तरह खेलते,नाचते,गाना हस्ते हँसाते उनको पढना ना जाने कहा खो गया जिन्दगी की रेस मैं बच्चों का बचपन कही खो गया। वो गलती करने पर मासूम सी शक्ल बनाना डाट से बचने के लिए आँसू बहाना, भरपूर नोटंकी दिखा-दिखा कर सबका दिल बहलाना,वो रोज नए सपने देख सबको बताना, हँसना-रोना तो कभी बड़ा सा मुँह फूलना सच मे बड़ा यादगार था, बचपन का हर किस्सा अब कही खो ,गया जिंदगी की रेस में बच्चों का बचपन

तेरी आज की मेहनत ही तेरी कल की सफलता का राज हैं।

जिस हिम्मत से तूने कदम बढ़ाया है, मुश्किलों से लड़ने का जो तूने हौसला खुद में जगाया है, देख उस खुदा ने भी कितनी शिद्दत से, तेरे रास्तों के कांटों को हटाया है, तुझे रास्ता दिखाया है। जिस सपनों को तूने सजाया है, जिन को पूरा करने के लिए तूने दिन-रात खुद को जगाया है, हो रहा असफल फिर भी उसे पाने के लिए जी जान तूने लगाया है, मिलेगा वह पद भी तुझे जरूर, क्योंकि उस रब ने मेहनत को सबसे ऊपर बताया है। जिस चीज को पाने के लिए तूने अपना सब कुछ गंवाया है, जिसके लिए तूने हर चोट को अपनाया है, एक दिन जीत तेरी भी जरूर होगी, क्योंकि तू हार से ना कभी घबराया है, ना कभी मैदान छोड़कर भाग आया है। जिस मुसीबत से डरा नहीं तू, Add caption किस्मत के सामने झुका नहीं तू, उसकी तो मंजिल भी मोहताज है, कदम बढ़ा तू क्योंकि, सजेगा जरूर एक दिन तेरे सर पे भी ताज है, आज की मेहनत तेरी कल की खुशियों का राज है। जिस यकीन से तूने मंजिलों को पाने की कोशिश की है, उस यकीन से ही तेरी किस्मत भी झुकी है, साबित कर देगी तेरी मेहनत भी, एक दिन सबको की मेहनत के सामने सारी दुनिया झुकी है। "अगर जिद तेरी पक्क

बेटी

कभी-कभी मेरा मन भी विचलित हो जाता, प्रश्नों का भंडार खड़ा हो जाता , क्यों होती बेटी की विदाई , क्यों सहनी पड़ती उसको अपनों से जुदाई , क्यों हर बार चोट उसको ही लगाई ? अपनी खुशियों को छोड़ , क्यों उसे दूसरों की खुशियां थमाई , बजा के तूने शहनाई , बड़े दुख से कर दी उसकी विदाई , वह पूछती रह गई , पर किसी के मुंह से आवाज ना आई । ऐसे अजीब रिवाजों को देख बेटी सेहमाई , पर सब की मर्जी और रिवाजों के आगे , वह भी कुछ ना कर पाई , भरी आंखों से नर्म होठों से , उसके भी मन मै एक आवाज आई , बेटी कह के भी कर दी पराई । जननी और उसकी जान की होती यह कैसी जुदाई , जिसको देख कर हर किसी की आंख भर आई , सीने से लगाकर बड़े प्यार से रोते हुए , क्यों कर दी सब ने अपनी बेटी की विदाई , यह सब देख बेटी को बहुत रोना आया , पर उसके प्रश्नों का उत्तर आज तक कोई नहीं दे पाया । पर फिर भी बेटी ने अपना सारा फर्ज निभाया , एक ही नहीं बल्कि दो परिवारों को सजाया , सब में प्रेम जगाया हर रिश्ते  को बखूबी निभाया , सहा खुद दुख पर किसी को भी इसका एहसास ना दिलाया। बेटी ने दो दो घरो को सजाया । बेटियों का सम्मान कर

गुरु

 गुरु गंगा की धार हैं गुरु गीता का सार हैं ,गुरु से उज्ज्वल ये संसार हैं गुरु से ही जीवन का उद्धार हैं। भटके हुए का मार्ग हैं गुरु ,तेरी मंजिल के पथ का सच्चा साथी हैं गुरु,अगर दीया तू तो  बाती हैं गुरु ,अंधेरों में भी रोशनी जला दे ऐसे साथी हैं गुरु । तू अगर पंछी हैं तो तेरी उड़ान की पहचान हैं तेरे गुरु ,तु फुल हैं तो तेरी सुगंध की पहचान है तेरे गुरु, तु हैं अगर स्वाभिमानी तो तेरा अभिमान हैं गुरु, तेरी उन्नति की पहचान है गुरु ,असल मैं इस धरती का भगवान हैं गुरू। कभी प्रेम से तो कभी डाट से समझाऐ गुरु कभी हाथ पकड़कर तो कभी कलम पकड़ के बताये गुरु गलती पर समझये गुरु तेरा हौसला हमेशा बढाए गुरु निराशा में आशा जगाए गुरु। ख़तरों से लड़ना सिखाए गुरु जीवन मे आगे बढ़ना सिखाए गुरु मुश्किल में मार्ग बताए गुरु जीवन का लक्ष्य बताए गुरु असल मे दुनिया मे जीना सिखाए गुरु जीवन सफल कराए गुरु । तीनों लोक जिनके गुन गाते ब्रहमा ,विष्णु ,महेश शीश झुकाते स्वंम गोविंद गुरु को आगे बताते जीवन का उद्धार हैं ,गुरु मैं ही सफलता का मार्ग है गुरु उमीदों का चिराग हैं । "Happy Teacher's Day " गुरु ज्ञान का प्रकाश

Friendship Day Special

" Happy friendship day " सुना हैं मोहब्बत मिट सकती हैं ,  पर देखा हैं दोस्ती कभी दफन नही होती,    सच्चे यारों में कभी ग़द्दारी नही होती और ,      आजमाया हैं हमने इस दुनियां में दोस्ती से अच्छी ,        कोई रिश्तेदारी नही होती दोस्तो जैसी कही यारी नहीं होती हर कोई दौलत का मोहताज नहीं होता  हर किसी के सर पर बादशाह का ताज नहीं होता  अगर होते ना हमारी जिदंगी में आप जैसे बेहतरीन दोस्त  तो ये जिदंगी का हर दिन इतना खास नहीं होता।। वो हर फैसलों में दोस्तों का तुम्हारा साथ निभाना  तुम्हारी गलती पर तुम्हें समझाना  मुसिबत से तुम्हे बचाना  तेरे रूठने पर तुझे बेतहाशा मनाना।।  तेरे साथ मिलकर हंसना  गाना तेरे उदास होने पर  तुझे सीने से लगाना  तेरे रोने पर उसके आसुओं का निकल आना।।।  तेरी हर पसंद नापसंद का ख्याल जिसको हमेशा आना  तेरे जन्मदिन की खुशियों को महिनो पहले ही मानाना  भुखड़ो कि तरह वो हर छोटी चीज की पार्टी मागते जाना।।  तेरी खामोशियो को पल भर में समझ जाना  नई नई तरकिबो से तुझे मनाना  तेरे सामने तेरी हंसी और पीठ पिछे तेरी तारीफों की कतार लगाना ।।  वो तेरा बेखौफ होकर उसको हर शोक बताना  त

हर हर महादेव!!

आया महाशिवरात्रि का त्यौहार हैं दिखी शिव भक्तो में शिव भक्ति की बौछार हैं पुजन को भस्म तैयार है आए महादेव होके नंदी पर सवार हैं महादेव की लीला अपरमपार हैं करते भक्तों का उद्धार हैं शिवालयों मैं गूजें शिव की जय जय कार हैं। सिर में जटा , जटा मैं गंगा ,गले मैं विशधर नाग विराजे, हाथ मैं डमरू त्रिशूल संग बाजे ,नंदी संग करें सवारी ,सर पर चंद्रमा चंचल मुँख धारी,मुँख मदुल सुदर नैयन माथे त्रिनेत्र शोभित अति प्यारी गले रूद्राक्ष संग माँ सति विराजे शोभा अपरमपार साजे। मनविभोर ,अद्भुत, अलोकिक, अलंकृत जिनका अवतार हैं आदिशक्ति संग विराजे महादेव कैलाश पर गूजें भोलेनाथ की जयजयकार हैं भांग ,धतूरा, बेलपत्रों, अकडो़ से सजा भोले तेरा दरबार हैं भक्त दरशन को आतुर कर रहे तेरा इंतजार है भोले भंडारी करते भक्तों को भवसागर पार हैं। वो दिन दयालु हैं सबसे कुंपालु हैं, त्रिनेत्र धारी ,त्रिलोचन ,त्रिलोकी नाथ सबके रखवाले हैं, देवताओं संग दानव भी करते पूजन जिनका वो देवो के देव महादेव कहलाने वाले हैं, काल भी भयभीत जिनसे वो महाकालेश्वर शिव भक्तों के रखवाले हैं । आओ.मिलकर मस्त मगन हो जाओ शिव भक्ति मैं खो जाओ शिव से साची प

वर्दी का रंग सफेद हुआ।।।।

वर्दी का रंग बदला हैं इसबार सफेद रंगो मैं धारण होकर सेवक आए हैं नमन कर रही हैं पूरी सरजमीं इनको अपने परिवारों को छोड़ ,ये अपनों की जान बचाने आए हैं, इस बार सफेद खाखी मैं फरिश्ते आए हैं ,मातृभूमि की रक्षा करने  माँ भारती के कर्मवीर आए हैं। कल तक सरहदों पर जो खड़े थे वो वतन के रखवाले थे आज सरहदों के अंदर ही खड़े सबकी जान बचाने सेवक आए हैं ,इसबार सफ़ेद कपड़ो मैं फरिश्ते आए हैं। रंग केवल वर्दी का बदला हैं ,जोश वहीं पुराना हैं, दुश्मन घर का हो या बाहर का मिलकर उसको मिटाना हैं ,अपने वतन को बचाना है। भुरे रंग की वर्दी से खाखी का रंग सफ़ेद हो गया बंदूकों के बजाए शरीर पीपीटी किट में कैद हो गया उस फरिश्ते का पुरा दिन दवाइयों से दुश्मनों को मारने में खो गया वो डॉक्टर बिना खाये - पिये मरीजों के इलाज मैं मग्न हो गया बिना नींद लिए वो सारी रात दिन देश की सेवा में एक हो गया। वर्दी का रंग बदला है ,उमीदें आज भी वही है ,सरहदों की लाज भी यही है, सफ़ेद रंगो मैं ये वीर हैं ,अब जीवन की अरदास भी यही है बच पा रहे हम तो उसका राज भी यही हैं ईश्वर का आशीर्वाद भी यही है। ना जाने फिर भी क्यों हो रहा इनपर वार हैं जबकि इन स

कारगिल विजय दिवस(Tribute to kargil Soldiers)

 सन्न 1999 की वो लड़ाई थी एक आंधी जोर से आई थी वीरो ने धुल दुश्मनो को चटाई थी न झुकें थे हम कभी न झुकेंगे ये बात सिद्ध करके दखाई थी। ये माटी कर रही तुम्हारी जय जय कार हैं इतिहास गवाह विजय दिवस पर नमन कर रहा शहीदो को पूरा हिंदुस्तान हैं आज भी उस चोटी पर वीरो के लहु के निशान हैं ये भारत माँ की साँची संतान हैं। नमन शहीदो के बलिदान को,नमन शहीदो के स्वाभिमान को,  नमन करता पूरा भारत गर्व से हमारे जवानों कि शान को मात्रुभूमि के वीर जवानों  को। ये जमी तुम्हारी कर्जदार हैं,  इसके कण -कण मैं गुजी तुम्हारी पुकार हैं, तेरी ललकारो से गूँजी कश्मीर की घाटी बार बार हैं,  देश का पत्ता पत्ता करता शहीदो की जय जयकार है, नमन शहीदो को करता ये सारा संसार हैं।

याद इन्हें रखना (माँ -पिता)

जब भी मैं हारू मेरा हौसला बढ़ाना, जब भी मैं निराश होऊ  मुझ में आशा जगाना, मेरे माँ तुम मुझे हर पल रास्ता दिखाना, मुझे हर मुसीबत से बचाना, मुझमें उम्मीद की किरण जगाना। जब मैं रोऊं तब मुझे हंसाना, मेरे होठों पर मुस्कुराहट तुम लाना, जब मैं उलझू मुझे सुलझाना, मुझे हर उलझन से बचाना, मेरे पापा हमेशा तुम मेरा  इसी तरह साथ निभाना, मेरी हिम्मत बन जाना, जब भी कोई मुसीबत आए, मुझे उससे लड़ना सिखाना।

अभी तो(Right Now)

अभी तो कदम बढ़ाया है, मंजिल तक जाना बाकी है। । अभी तो  पहाड़ पर आया हूँ, एवरेस्ट पर फतह करना बाकी है। । अभी तो सूरज की किरणें निकली है, अभी रोशन जहां को करना बाकी है। ।

कोशिश(Impossible)

कभी आशा, कभी निराशा,  कभी धूप, कभी छांव, हर पल बदलता यहाँ जीवन का ठहराव, राह में चाहे कितनी भी बाधा आए, मत छोड़ना कभी  हिम्मत और कोशिश का भाव।।

सच्चा रिश्ता(True Relation)

कुछ रिश्ते इतने खास होते हैं, बिन बोले ही जिनके एहसास होते हैं। कहकर बताने की क्या जरूरत उनको, जो बिन कहे समझ जाए, वही दिल के सबसे पास होते हैं।। बिना आंसू देखे जो दुख समझ जाए, तुम्हारी हंसी के पीछे का गम समझ जाए, तुम्हारी खुशी के पीछे का दर्द समझ जाए, तुम्हारी नाराजगी के पीछे का राज समझ जाए, वही रिश्ता तुम्हारा सबसे खास होता है।।

सच्चा मित्र(Friends Forever)

कुछ पलों के लिए जो तुमसे रूठ जाए, तुम्हारे बिन एक पल न रह पाए, अगले पल में खुद माफी मांग तुम्हें मनाए तुम्हें अपने गले से लगाए, वही सच्ची  मित्रता कहलाए।। भूले तुम्हारी हर गलती को, तुम्हें जो माफ करता जाए, तुमसे उम्मीद और आशा की किरण भरता जाए, साथ तुम्हारा जो हमेशा निभाए, हाथ जो तुम्हारा कभी ना छोड़ जाए, वह सच्चा मित्र कहलाए।।

"आस्था"- जीवन का आधार

आस्था में भी अनोखी शक्ति का वास्ता है, आंख बंद करके तू देख हर मुसीबत मैं कोई न कोई रास्ता है। मत रख अधिक उम्मीद दुनिया से, सबको अपने मतलब से वास्ता है। रख उम्मीद बस उस रब से, जिसके पास हर मुसीबत का रास्ता है।। आस्था की शक्ति अपरंपार है, कहीं बार लगाई इसने नैया पार है, क्योंकि आस्था स्वयं ईश्वर का आधार है, आस्था से दूर अंधकार है, खुले प्रेम और प्रकाश के द्वार है, आस्था अलौकिकता का आधार है।।

जीवन की परिभाषा (Definition of Life)

कुछ कर दिखाने की आशा कुछ कर जाने की जिज्ञासा, कुछ खोकर पाने की आशा रो कर हंस जाने की आशा, हर मुसीबत से मिल जाती है एक नई परिभाषा, लड़कर उससे बाहर आने की अभिलाषा, यही है हमारी जिंदगी की परिभाषा।। किसी को मनाने कीआशा सपनों को पुरा कर जाने की जिज्ञासा, कुछ नया सिख जाने की आशा, अपनो के संग मिलकर गीत गाने की आशा, असल मै यही है--- मस्त जिंदगी जीने की परिभाषा।।

हर दिल खास है(Every heart is special)

दिमाग और दिल में से जो जीत जाए वह दिल है, जीत कर भी दूसरो लिए हार मान जाए वह दिल है, मुश्किल में जो साथ निभाए वह दिल है, दिल सबका खास होता है।। दिखता नहीं किसी को ये, पर इसका एहसास बहुत खास होता है, धड़कता रहता है ये जब तक जिंदगी का साथ होता है, इसके रुकने से ही मौत का एहसास होता है, दिल सबका खास होता है।। हमेशा ख़याल रखो इसका, क्योंकि बहुत नाजुक इसका एहसास होता है, अपना हो या अपनों का, दिल तो हर किसी का खास होता है।।